Wednesday, July 18, 2018

मच्छर गाथा



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एक दिन यूँ ही टहलते हुए, हम घर से थोङा दूर आ गये| कहीं एक कोने में बारिश का पानी इकट्ठा हो गया था| वहीं कुछ मच्छरों ने अपनी चौपाल सजा रखी थी| जाने हमें भी क्या सूझी, हम वहीं खङे होकर उनका वार्तालाप सुनने लगे| (ये विचित्र विधा हमने कैसे सीखी ये फिर कभी फुर्सत में बताएंगे)| फिलहाल इस वार्तालाप की गम्भीरता को समझिये|
इस वार्तालाप को सुनने के बाद ही हमें पता चला कि हमारे राष्ट्रीय समाचार चैनलों पर परोसे जाने वाले चटपटे व्यंजनों का रसास्वादन ये तुच्छ मगर अति कष्टदायी प्राणी भी करता है|
एक नुकीली मूँछ वाले सुडौल मच्छर का स्वर हमार कानों से टकराया- ” हम जिन शर्मा जी के यहां आज कल डेरा जमाये हुए हैं, उनके केबल आपरेटर ने उन्हें अपनी सेवाएँ देना बंद कर दिया है| अब बिना अबतक और सीन्यूज़ की खबरों के हमारा जी वहाँ नहीं लगता है| अब सोच रहे हैं कि मुनिसिपल कार्पोरेशन के बाजू वाली गली के गुप्ताजी के यहाँ पलायन कर लिया जाए| वहाँ की सङक पर काफी पानी रहता है, इससे मुझे बहुत आराम होगा|अरे भैया, तुम्ही बताओ कि कल के विशेष बुलेटिन में क्या मसाला था|”
इस पर एक छोटा मच्छर इठलाते हुए बोला ,” अरे भाई कल एक अण्डवर्ल्ड डान की पूर्व प्रेमिका का इन्टरव्यू आया था| उनके सम्बन्धों का नाटकीय रूपान्तरण काफी मसालेदार था|”
इतने में एक थोङी ज्यादा खाई-पी हुई मच्छरनी बोली – “कुछ बजट के बारे में भी तो बताओ, कल ही तो संसद से बिल पास होना था|
इस पर छोटे मच्छर का जवाब था “अरे भाई जब मेन न्यूज शुरू हुई तो बण्टी ने टीवी का चैनल बदल कर टोपी वाले रेशमिया का लाइव स्टेज शो लगा दिया था, इसलिये बजट के बारे में ना मुझे पता है ना बण्टी को| लेकिन डान की प्रेमिका के बारे में तुम हुम दोनो से ही सब कुछ पूछ सकती हो, वो कौनसी गाङी चलाती है, कौन-सी लिप्स्टिक लगाती है, मुझे सब पता है|”
इतने में एक मच्छर महाशय ने हमें हमारी गुस्ताखी की सज़ा हमें अपने तीव्र दंश से दे ही दी| और हम अपनी बाँह खुजाते हुए वहाँ से सरक लिये| चलिये हमारी ये मच्छर गाथा तो यहीं समाप्त होती है, लेकिन न्यूज चैनलों द्वारा न्यूज के नाम पर छले जाने की कहानी आज आप देख सकते हैं सीन्यूज पर रात ८ बजे ,तब तक के लिये नमस्कार!



Monday, November 5, 2012

तेनालीराम से साक्षात्कार



आज सड़क  पर हम चलते जा रहे थे | अचानक हमारी नज़र सडक के किनारे अनमने और उदास से बैठे एक शिखाधारी, दीन-हीन से दिखने वाले प्राणी पर जा टिकी | जाने क्यों हमें लगा कि हो ना हो ये कोई जाना-पहचाना बुद्धिजीव है | पास जाकर ऐसा लगा कि, इससे तो ऐसा लगता है बचपन में कई बार मिल चुके हैं, परंतु स्मृति की गठरी लाख खंगालने के बाद भी समझ नही आया कि वो भलामानुष आखिर है कौन |
आखिरकार हमने उन्हीं  के पास जाकर विनम्रतापूर्वक पूछ लिया,” हे महापुरुष! आप मेरी यादृच्छिक अभिगम स्मृति अर्थात रैन्डम ऐक्सेस मेमरी में कहीं सहेजे हुए थे , पर अब लाख बार खोजो बटन दबाने पर परिणाम शून्य ही है  क्या आप इस तुच्छ प्राणी को अपना परिचय देने का कष्ट करेंगे ?” ऐसा सुनकर वो कुछ अचकचाये, फिर ये सोचकर कि प्रश्न शायद उनकी ओर इंगित ना हो, उन्होने इधर-उधर झाँका, परंतु इधर-उधर किसी को ना देखकर वो एक उत्साह भरी मुस्कान चेहेरे पर लाकर बोले कि “चलो इस इलेक्ट्रॉनिक युग में किसी ने तो मुझे पहचानने की कोशिश की  | मेरा नाम तेनालीराम है,राजा कृष्णदेव राय के यहाँ मंत्री हुआ करता था, एक समय में बच्चे बडे चाव से मेरे किस्से पढ़ते -सुनते थे पर आजकल किसी के पास फुर्सत कहाँ | स्कूल के होमवर्क का दस मन का बोझ निपटाने के बाद जो समय बचता है वो कार्टून नेटवर्क के सामने बैठकर ही बीत जाता है | और जो अगर थोडा समय बच जाता है वो प्ले-स्टेशन, Wii  और एक्स-बॉक्स के खाते में चला जाता है |बच्चों की मम्मियों को किट्टी पार्टी से फुर्सत नहीं, वैसे भी फेसबुक पर स्टेटस अपडेट में 'ओल्ड- फैशंड' तेनालीराम के बारे में अपडेट करेंगी तो 'आउट-डेटेड' और 'ओह-सो -बोरिंग' की प्रतिक्रया आयेगी  और पापा बेचारे तो रोज़ी -रोटी और नये ब्राण्ड की गाडी के चक्कर में ही पिसे जाते हैं, दादा-दादी के साथ रहने का फैशन तो कब का आउट-डेटिड हो गया तो हमारे जैसों के किस्से बेचारे बच्चे कहाँ से जाने| “
उनकी बातें गौर से सुनने के बात जब हमने एक बार फिर उनके चेहरे को देखा तो तो हमें तुरन्त उनकी बात पर विश्वास हो गया | बचपन से तेनालीराम, बीरबल आदि के किस्से सुनते -पढते आये हैं इसलिये ऐसा लगा कि पहचानने में गलती कैसे कर सकते हैं | हमने स्वभाव- वश तुरन्त अपना अगला सवाल उनकी तरफ दागा, “हे चतुर-चपल मनुष्य, आपका यहाँ आने का प्रयोजन?"
इस पर परम ज्ञानी, परम चपल तेनालीराम जी एक फीकी मुस्कान चेहरे पर लाकर बोले कि-" कल ही मैंने और मेरे मित्र बीरबल ने एक विज्ञापन देखा जिसमे एक जापानी एनिमेशन क्म्पनी ने प्रसिद्ध भारतीया चरित्रों को एनिमेट करने के लिये उन्हें आडिशन के लिये आमंत्रित किया था | हमने सोचा नयी पीढी के बच्चों से जान-पहचान बढाने का सही मौका है ,सो चले आये | पर यहाँ दाव भारतीय नेता और राजनीति ले गए, रोज संसद में कुर्सी -मेज की उठापटक करते , हास्यास्पद और विरोधाभासी बयान देते और फिर उनका खंडन करते,चारा और कोयला खाते  नेताओं से बढे कार्टून किसी को  नज़र नहीं आते । इनके आगे हमारे जैसों की क्या बिसात |कैसी भी दुर्घटना  को आम घटना  बोलकर खींसे निपोरना इनके लिए आम बात है । बिजली से लेकर सिलिंडर तक हर आम ज़रुरत की चीज़ को ये फुटबाल की तरह लुढका कर  राजनीति करतें हैं। आम आदमी जहाँ राशन की जुगत में जुड़ा है , ये लोग 2G जैसे लाखों  करोड़ के घोटाले किये जा रहे हैं। जहाँ आम- जनमानस सिलिंडर छोड़ चूल्हा फूँकने की तैयारी कर रहा है, ये लोग लाल-बत्ती की गाड़ियाँ व्यर्थ घुमाते , विदेश यात्रा करते , मंत्री भत्ते बढाने की बात करते हैं ।सही मायने में एनीमेशन के लिए फिट हैं ये लोग , क्योंकि एनिमेटेड चीज़ों में भावनाएं जो नहीं होती, तभी जनता का दुःख दिखाई नहीं पड़ता , तभी विकलांगों की बैसाखियाँ तक छीनने में नहीं अचकचाते । ।जैसे कंप्यूटर -प्रोग्राम के कोड से एनीमेशन चलता है वैसे ही नोटों की हरियाली से इन नेताओं का भ्रष्ट शासन  चलता है । चुनाव जीतने के बाद नेता ये नहीं सोचता मुझे क्षेत्र में क्या-क्या काम प्रगति के करने है, बल्कि ये सोचता है कि किस विभाग या किस मंत्रिमंडल में ज्यादा मलाई खाने को मिलेगी अर्थात घोटाले करने का प्रोबैबिलिटी- रेशो यानि संभावना क्या है। जनता की गाडी कमाई को जिस भी विभाग से अपने लिए नोट -छापने की मशीन  में फटाफट डाल  सकते हैं   उसी विभाग की और देखकर ये नेता मुंह में जीभ फिराये  जाते हैं। और एक बार मंत्रिमंडल में आते के साथ ही चुनाव में जनता से किये हुए वादे पान की पीक के साथ लोकतंत्र के मुँह पर थूकते हैं । अब ऐसे लोगों के चरित्र को ध्यान में रखकर कोई कार्टून बनेगा तो लोग उसमें रूचि लेंगे , चैनल की टी आरपी  बढ़ेगी । कुछ लोग उसको केवल समय बिताने के लिए देखेंगे, कुछ जी-मसोसने के लिए , कुछ फेसबुक पर स्टेटस अपडेट करने के लिए देखेंगे, कुछ ट्विटर पर ट्वीट 
करने के लिए , कुछ होंगे जो भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना देखेंगे और कुछ ही होंगे जो जन आन्दोलन शुरू कर देश को जागरूक करने की सोचेंगे | ऐसे में मुझ जैसे बीत चुके ज्ञान- मनोरंजन के पात्र में आम दिलचस्पी जगाना चैनल के लिए टेढ़ी -खीर साबित होता । इसलिए हमें तो ऑडिशन से पहले ही दरवाज़ा दिखा दिया गया । हमारे मित्र  बीरबल जी को तो अपनी वाक्-पटुता के कारण एक एनिमेटेड टॉक-शो में काम मिल गया हमें ही अपना सा मुँह लेकर वापसी की गाडी पकडनी पडेगी |"
अपने प्रिय पात्र को यों गुमनामी के कारण उदास देखकर हमें बेहद कष्ट हुआ | हमने उनसे आग्रह किया कि बचपन में आपके कारण बहुत शिक्षा मिली है, गुरु  दक्षिणा चुकाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर सकते पर हमारे साथ पिज़्ज़ा पॉइंट चल कर हमे अनुग्रहित करें ।16 इंच के शुद्ध शाकाहारी पिज़्ज़ा को उदरित करने के बाद , तेनालीराम जी के आकुल ह्रदय को कुछ शान्ति मिली और वे बोले इस इलेक्ट्रॉनिक युग की कुछ बेहतरीन चीज़ों में ये फटाफट फ़ूड यानि फास्ट फ़ूड है । इसके बाद तनिक प्रसन्न मन से वो प्रस्थान कर गए ।  उनके प्रस्थान करने के साथ ही हमने सोचा  टीवी के कार्टून वर्ल्ड में भले ही इस पात्र को जगह नहीं मिले पर हमें इस साक्षात्कार का शब्दशः वर्णन लिख ही डालना चाहिए |

Sunday, October 16, 2011

गणेश जी इन द जिम

अमरीका आकर हमें महिला शब्द का एक नवीन प्रकार का संधि- विच्छेद पता चला : महिला =महि+हिला , महि अर्थात धरती , अतः महिला का अर्थ हुआ जो चले तो धरती को हिलाए | यहाँ की पिज्जा - बर्गर की डाइट में स्थूलकाय होना कोई मुश्किल कार्य तो है नही, इसलिये हमने तो पहले ही सचेत रहने की ठानी | तो फिटनैस की ओर पहला कदम बढाते हुए हमने गणेश जी महाराज का नाम लिया और  सोमवार सुबह जल्दी उठ गये, जिम के लिये तैयार हुए और चल दिये सोसाइटी के जिम की ओर |ज्यादा लोगों के जिम में होने पर हम ज़रा अपने कम्फर्ट ज़ोन में नहीं रह पाते| हमने सोचा था , इतनी सुबह तो कोई होगा नही वहाँ ,इसलिये हमें कोई उलझन नही होगी | पर ये क्या, हमारी आशाओं के विपरीत द्वार पर पँहुचते ही अन्दर से आ रही खटपट से हम समझ गये कि कोई हमसे भी पहले उठकर इलिप्टिकल मशीन पर कब्जा जमा चुका है | मन मसोस कर हम अंदर घुसे तो विस्मित रह गये| एक तरफ श्री गणपती की सवारी मूषक महाराज ट्रेड-मिल पर दौड़ लगा रहे थे और दूसरी तरफ साक्षात गणेश जी महाराज nike स्नीकर्स और ट्रेकसूट पहन, कानों में हेडफ़ोन लगा कर और अपने आईपॉड टच की प्ले-लिस्ट खटाखट बदलते हुए, धमाधम इलिप्टिकल मशीन पर कैलोरीज बर्न कर रहे हैं | हमने लम्बोदर को दण्डवत प्रणाम किया और उनसे पूछ भी लिया "प्रभु आप यहाँ अमरीका में |" मुस्करा कर विघ्नहरण बोले "देवलोक एअरलाइन्स ने आजकल एअरफेअर्स कम कर रखे हैं , तो मैने सोचा ऋद्धि- सिद्धि को अमरीका ही दिखा लाऊँ |" हमने कहा "ये तो आपने बहुत ही अच्छा किया , इसी बहाने यहाँ की अपावन धरती भी आपके पावन चरण पड़ने से पवित्र हो गयी और हमारे जैसे भक्तों को प्रभु के दर्शन भी हो गये , वर्ना यहाँ आकर तो त्यौहारों के इस महीने का पता ही नही चलता |" इस पर मंगलकरण मुझे सही करते हुए बोले "नही पुत्री ऐसा नही है,कल ही तो मैं ऋद्धि- सिद्धि के साथ गरबा खेलने गया था, अपने मुम्बई के लोगों से कम जोश नही था वहाँ पर | विशुद्ध भारतीय परिधानों में सजी हुई अब अमरीकी हो चुकी भारतीय बालाएँ बीयर पीकर काफी सहजता से बालिवुडिया ताल पर डांडिया खेल रही थी | इस स्थूलकाया के साथ मैं तो ज्यादा देर वहाँ टिक नही पाया और वहाँ से खिसक लिया |" इस पर हमने पूछा कि , " हे गणपति! आखिर ऐसा क्या हुआ कि आपको इस जिम को अपने पावन चरणों से पवित्र करना पङा |" इतना सुनकर महादेव-पुत्र का मुख उदास हो गया बोले - "पुत्री आज तुमसे मैं मन की बात कह ही देता हूँ , देवलोक में सारे देवताओं की बालिवुडिया हीरो के जैसी मस्कुलर बाडी देखकर मुझे मेजर काम्प्लैक्स होता है , और तो और पिताश्री शिव जी महाराज भी ताँडव नृत्य कर तथा पदमासन में बैठकर सिक्स पैक एब्स बनाकर अब तक छरहरे बने हुए हैं , मुझसे ज्यादा अप्सराएँ उन्हें देख कर रीझती हैं, उनको देखकर तो मुझे ठीक वैसा ही लगता है जैसा अभिषेक बच्चन को अमिताभ बच्चन के फैन्स को देखकर |” अभी श्री विनायक जी ने इतना ही बताया था कि उनका iPhone " यू आर माय लव ओ जानेजाना" की धुन बजा कर, घनघना उठा और प्रभु “ऐक्सक्यूज़ मी” कहकर साइड हो लिये | उधर से गणेश जी के वाम विराजने वाली माता ऋद्धि की आवाज आ रही थी , "प्राणनाथ आज तो आप हमें डिज़्नीलैण्ड लेकर जाने वाले थे ,सुबह- सुबह अपनी सवारी लिए कहाँ चले गये |" गजमुखी ने अतिशय मिठास वाणी में घोलकर कहा "हनी , गुस्सा मत करो, अभी आता हूँ |" जैसे-तैसे माता ऋद्धि को समझाकर फोन रख कर गणपति अपने जिम के बैग में से एक जीरो कैलोरी ड्रिंक निकाल कर पीने लगे ,फिर बोले "ये फुल-क्रीम दूध का भोग लगा कर सबने मेरा वज़न बढ़ाने की ठान ली है, अब आजकल मैं थोड़ा ध्यान करता हूँ और कैलोरी कंट्रोल कर रहा हूँ|" फिर अपनी घड़ी देखकर जाने को उद्धत होते हुए एकदंत बोले - "एक बात और इस बार दीवाली पर भोग लगाते हुए मीठा अवौइड करना, देसी घी की जगह ओलिव आयल के मोदक भी चढ़ाओगे तो मैं माइंड नहीं करूंगा , दरअसल मैं डाइटिन्ग पर हूँ, और अपने दोस्तों को भी जरूर बताना|"
 अब प्रभु की आज्ञा शिरोधार्य - हमने आप सब को बताकर
इस शुभ कार्य का श्री गणेश किया , अब आप भी जल्दी से ट्वीट करिए, फेसबुक वाल पर शेयर करिए और गणेश जी की इस इच्छा के बारे में अपने दोस्तों को बताइये, देखिये फिर कैसे विघ्न-हरण आपके विघ्नों को हरते हैं |
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